पीएफ भारत में एक सेवानिवृत्ति बचत योजना है। यह एक स्वैच्छिक अंशदायी पेंशन योजना है जो योगदानकर्ताओं को कर लाभ प्रदान करती है।
पीएफ को भारत सरकार द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) द्वारा प्रबंधन किया जाता है। पीएफ का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति का लाभ प्रदान करना है।
नियोक्ता और कर्मचारी द्वारा किए गए योगदान को विभिन्न योजनाओं में निवेश किया जाता है। इन योजनाओं का प्रबंधन ईपीएफओ द्वारा किया जाता है, जो पीएफ खातों के लिए प्रशासनिक सेवाएं भी प्रदान करता है।
PF kya Hai
पीएफ मतलब प्रोविडेंट फंड है। यह एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है जो इंडियन गवर्नमेंट द्वारा रेगुलेट किया जाता है। कर्मचारी और उनके नियोक्ता दोनों ही इंसमे योगदान करते है, जिससे कर्मचारी अपने रिटायरमेंट के लिए बचत कर सकते है।
प्रोविडेंट फंड एक लांग टर्म बचत स्कीम है जिसे भारत सरकार संचालित करते है और EPFO (एम्प्लोयी प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन) द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
पीएफ अकाउंट कर्मचारियों के लिए टैक्स बेनिफिट्स प्रदान करते है। कर्मचारी के योगदान का 12 प्रतिशत ईपीएफओ के द्वारा कट लिया जाता है। और इसी प्रतिशत से नियोक्ता भी योगदान करते है ताकि कर्मचारी सेवा निवृत्ति के पश्चात इसके फायदा उठा सकें।
पीएफ अकाउंट में कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा जो पैसा जोड़ा जाता है वह इंटरेस्ट के साथ बढ़ता जाता है। और जब कोई सेवा निवृत्ति लेते है तब उन्हें इस स्कीम से आर्थिक सहायता प्राप्त होती है।
Types of PF Account (PF के प्रकार)
प्रोविडेंट अकाउंट मुख्यतः दो तरह के अकाउंट होते है:
1. EPF (Employee’s Provident Fund): इस अकाउंट में कर्मचारी अपने सेवा निवृत्ति के लिए बचत करते है। इंसमे कर्मचारी के योगदान का 12 प्रतिशत ईपीएफओ के माध्यम से कट लिया जाता है। इसके अलावा इस नियोक्ता भी इसी प्रतिशत से अपना योगदान करते है।
2. EPS (Employee’s Pension Scheme): यह अकाउंट कर्मचारी के लिए है जो अपने सेवा निवृत्ति के पश्चात पेंशन प्राप्त करने के उद्देश्य से बचत करते। इंसमे अकाउंट होल्डर के योगदान का 8.33 प्रतिशत ईपीएफओ के द्वारा कट लिया जाता है। इंसमे नियोक्ता भी इसी प्रतिशत से योगदान देते है।
3. VPF (वोलंटरी प्रोविडेंट फंड): इन उल्लेख की गई दोनों प्रकार के पीएफ अकाउंट के अलावा एक और पीएफ अकाउंट होते है जिसे वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) कहते है।
ध्यान रहे, इंडिया में सभी प्रकार के पीएफ अकाउंट ईपीएफओ द्वारा ही प्रबंधन किया जाता है।
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PF Account के इतिहास
प्रोविडेंट फंड (PF) की सुरुआत ब्रिटिश राज में हुई थी। जहां तत्कालीन भारत सरकार द्वारा 1887 में “प्रोविडेंट फंड एक्ट” पास किया गया था। इस एक्ट के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों के लिए यह बचत स्कीम सुरु की गई थी।
जिसके तहत, कर्मचारी के सैलरी में से कुछ प्रतिशत कट कर रख लिया जाता है ताकि सेवा निवृत्ति के बाद आर्थिक सहायता प्राप्त हो सके।
इसके बाद 1925 में “एम्प्लोयी प्रोविडेंट फंड बिल” पास किया गया, जिसमे प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी एक समान स्कीम सुरु की गई। इस बिल के तहर प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों के लिए भी पीएफ अकाउंट खोलने का प्रावधान किया गया।
1952 में “एम्प्लोयी प्रोविडेंट फंड एंड मिसलिनीयस प्रोविजन एक्ट” पास किया गया जिसमें सभी ऑर्गनाइज सेक्टर के कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंट फंड स्कीम अनिवार्य कर दी गई। तब से सभी ऑर्गनाइज सेक्टर के कर्मचारियों के लिए पीएफ अकाउंट में योगदान करना अनिवार्यता घोषित कर दिया गया।
इसके पश्चात 1954 में “एम्प्लोयी डिपॉजिट लिंक्ड इन्सुरेंस स्कीम” लांच किया गया। जिसके तहत प्रोविडेंट फंड होल्डर को इन्सुरेंस स्कीम प्रदान करना सुरु हुआ। इसके बाद से पीएफ धारकों को लाइफ इन्सुरेंस भी प्रदान किया जाने लगा।
भारत के सभी सरकारी तथा ऑर्गनाइज सेक्टर के कर्मचारियों के लिए पीएफ एक महत्वपूर्ण स्कीम है जिसमे तहर एम्प्लोयी अपने सेवा निवृत्ति के पश्चात आने वाले भविष्य को सुरक्षित करते है। समय समय पर पीएफ स्कीम में लागू होने वाली नियमों में बदलाव किया जाता है इसके अच्छाई के लिए।
पीएफ अकाउंट कौन खोल सकते है
प्रोविडेंट फंड मुख्यतः ऑर्गनाइज सेक्टर के कर्मचारियों के लिए लाया गया था। ऑर्गनाइज सेक्टर में किसी भी कंपनी, फैक्टरी, ऑर्गनाइजेशन, इंस्टीट्यूट, एस्टेब्लिशमेंट, सोसाइटी, ट्रस्ट, गवर्नमेंट डिपार्टमेंट, लोकल बॉडी, बोर्ड, कारपोरेशन, पार्टनरशिप फर्म, एसोसिएशन, हॉस्पिटल, लेबोरेटरी, रिसर्च इंस्टीट्यूट जैसे जगह के कर्मचारी पीएफ अकाउंट बना सकते है।
हालांकि, ऑर्गनाइज सेक्टर काम करने वाले कर्मचारियों के अलावा स्वनियोजित कर्मचारी, फ्रीलांसर, बिजनेस ओनर, किसान, आदि पीएफ अकाउंट बना सकते है पर यह अनिवार्यता नहीं है।
पीएफ अकाउंट खोलने के लिए एलिजिबिलिटी
पीएफ अकाउंट बनाने के लिए निम्नलिखित एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया होनी चाहिए:
• पीएफ अकाउंट बनाने के लिए आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
• किसी भी ऑर्गनाइज सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को पीएफ अकाउंट बनाना अनिवार्य है। हालांकि, स्वनियोजित कर्मचारी, बिजनेसमैन, किसान, आदि कोई भी व्यक्ति इस अकाउंट को खोल सकते है।
पीएफ अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज
प्रोविडेंट अकाउंट ओपन करने के लिए नीचे दिए गए डाक्यूमेंट्स की कॉपी सबमिट करनी होगी:
1. PAN Card: कर्मचारी के पैन कार्ड ईपीएफओ के द्वारा सबमिट करना होगा।
2. Aadhaar Card: पीएफ अकाउंट खोलने वाले कि आधार कार्ड सबमिट करना होगा।
3. Bank Account Details: कर्मचारी का बैंक अकाउंट डिटेल्स, जैसे कि अकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड, नॉमिनी, आदि प्रदान करना है।
4. Salary Details: कर्मचारी के सैलरी डिटेल्स, जैसे बेसिक सैलरी, कॉन्वेयन्स, मेडिकल अलाउंस, आदि सबमिट करना होगा।
5. Form – 11: पीएफ अकाउंट धारक को फॉर्म-11 भरना होगा, जिसमे उनके व्यक्तिगत
6. Passport Size Photo Copy: पीएफ अकाउंट खोलने वाले ब्यक्ति का पासपोर्ट साइज फ़ोटो कॉपी सबमिट करनी होगी।
7. UAN Number: अगर पीएफ अकाउंट खोलने वाले व्यक्ति पहले किसी ऑर्गनाइज सेक्टर में काम करते थे तो जाहिर सी बात है कि UAN नंबर पहले से होगा, उसे लिंक करना है। और अगर आप पहली बार किसी कंपनी के साथ जुड़ रहे है तो आपका UAN नंबर नहीं होगा, इसलिए सबमिट करने की आवश्यकता नहीं।
PF Account कितना प्रतिशत व्याज दर मिलती है
2011-2012 वित्तीय वर्ष में ईपीएफओ द्वारा यह घोषणा की गई थी कि जिन अकाउंट में तीन साल से कोई योगदान नहीं दी गई है उंसमे व्याज का भुगतान रोका जाएगा।
लेकिन इस फैसले को वित्तीय वर्ष 2016 में वापस ले लिया गया। अभी जो अकाउंट तीन साल से अधिक निष्क्रिय हो गए उंसमे भी निर्धारित व्याज दर प्रदान किया जाता है।
वित्तीय वर्ष 2021-2022 से वर्तमान में व्याज दर 8.10% प्रति वर्ष है। ध्यान रहे अगर किसी का आयु 58 वर्ष हो चुके है तो उनके अकाउंट में कोई व्याज नहीं मिलेगा।
PF Account kaise Khole
यदि आप किसी ऑर्गनाइज सेक्टर में नौकरी करते है तो आपको पीएफ अकाउंट खोलने के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं, आप जिस जगह नौकरी कर रहे है वह लोग ही आपका पीएफ अकाउंट ओपन कर देंगे।
और अगर आप खुद से पीएफ अकाउंट खोलना चाहते है तो वह भी कर सकते है। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यम उपलब्ध है।
इंडिया में लगभग हर फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट पीएफ अकाउंट खोलने का सुविधा उपलब्ध करवाती है। आप किसी भी बैंक, पोस्ट ऑफिस में पीएफ अकाउंट खोल सकते है।
यदि आप किसी बैंक में ऑनलाइन पीएफ अकाउंट खोलना चाहते है तो उसके ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए वहां पीएफ अकाउंट खोलने का ऑप्शन मिल जाएगा।
PF Account Related FAQs
वहां आपके सारे डिटेल्स दर्ज करें, और पैन कार्ड, आधार कार्ड की डिटेल्स भरे और लास्ट में केवाईसी पूरा करते है आपके पीएफ अकाउंट एक्टिव हो जाएगा।
• पीएफ अकाउंट के बैलेंस कैसे चेक करें?
पीएफ अकाउंट के बैलेंस चेक करने के लिए ईपीएफओ के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए वहां पासबुक का ऑप्शन मिलेगा उस पर क्लिक करके UAN नंबर और पासवर्ड के जरिये लॉगिन करके पीएफ बैलेंस चेक कर सकते है।
• सैलरी का कितने प्रतिशत पीएफ अकाउंट में क्रेडिट होता है?
सैलरी का 12 प्रतिशत पीएफ अकाउंट में क्रेडिट होता है।
• पीएफ अकाउंट से पैसे कैसे निकाले?
पीएफ अकाउंट से पैसे निकालने के लिए आपको फॉर्म भरकर सबमिट करना होता यह आप ऑनलाइन ईपीएफओ के ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर कर सकते है अन्यथा आप जहां अकाउंट ओपन किये वहां जाकर फॉर्म भरकर पैसा निकाल सकते है।
• क्या मैं पीएफ अकाउंट को एक कंपनी से दूसरे कंपनी में ट्रांसफर कर सकते है?
जी हां, यदि आप कंपनी चेंज करते है तो आप अपने पीएफ अकाउंट को भी ट्रांसफर कर सकते है। इसके लिए आपको एक फॉर्म भरना होता और आपके अकाउंट मर्ज हो जाएगा।
• सेवा निवृत्ति के बाद पीएफ अकाउंट का क्या होता है?
सेवा निवृत्ति के बाद आप अपने पीएफ अकाउंट का पूरा बैलेंस निकाल सकते है।
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