भारत में Dhan ki kheti सभी क्षेत्रों में जाती है I भारत के प्रमुख फसलों में धान की गिनती की जाती है I एशिया में भारत दूसरा ऐसा देश है जहां पर धान की पैदावार सबसे अधिक होती है I भारत में धान को मुख्य खाद्य पदार्थ के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है I भारत के खरीफ फसलों में धान की गिनती की जाती है I
अब आप लोगों के मन में सवाल आएगा कि धान की खेती कैसे करें कौन से बीजों का चयन करना चाहिए? मिट्टी कैसी होनी चाहिए? Dhan के पौधे में लगने वाले रोग और कीटाणुओं को नियंत्रण करने के उपाय क्या है? फसल को उगाने से लेकर कटाई करने तक आपको किन किन चीजों का ध्यान रखना होगा? इसके बारे में भी आपके पास जानकारी होनी चाहिए अगर आप कुछ भी नहीं जानते हैं तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस पोस्ट को आखिर तक पढ़े-
Dhan ki kheti kaise kare
धान की खेती करने के लिए आपको निम्नलिखित चीजों का ध्यान देना होगा इसके बारे में मैं आपको नीचे बिंदु अनुसार संक्षिप्त में विवरण दूंगा आइए जाने-
मिट्टी कैसी होनी चाहिए
धान की खेती के लिए रेतली , गोरी और चिकनी मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है क्योंकि इस प्रकार के मिट्टी में पानी सोखने की क्षमता कम होती है इसके अलावा इस का पीएच मान 5 से 9 के बीच होता है जो धान की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है I
धान की खेती के लिए तापमान और वर्षा कैसी होनी चाहिए
धान की खेती के लिए 16 सेंटीग्रेड से लेकर 30 सेंटीमीटर का तापमान सबसे उपयुक्त माना जाता है I वैसा 100 सेंटीमीटर से लेकर 200 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए तभी जाकर धान की पैदावार अच्छी और उन्नत होगी I बुवाई के समय के तापमान 16 सेंटीग्रेड से लेकर 20 सेंटीग्रेड बीच होना चाहिए
धान के प्रजातियों का चयन करें
ऐसे अनेकों प्रकार के होती हैं लेकिन मैं आज आपको कुछ विशेष प्रकार के प्रजाति के बारे में बताऊंगा जिसका इस्तेमाल अधिकांश किसान धान की खेती करते समय करते हैं उनके बारे में मैं आपको नीचे बिंदु अनुसार जानकारी दूंगा-
असिंचित दशा शीघ्र पकने वाली धान की प्रजाति
- गोविन्द‚नरेन्द्र-118
- नरेन्द्र-97,
- गोविन्द‚नरेन्द्र-118
- नरेन्द्र-97,
- शुष्क सम्राट,
- गोविन्द‚
- नरेन्द्र-80,
- शुष्क सम्राट,
- मालवीय धान-2,
- नरेन्द्र-118
सिंचित दशा शीघ्र पकने वाली धान की प्रजाति
नरेन्द्र-118
नरेन्द्र-97
शुष्क सम्राट मालवीय
- धान-2, मनहर,
- पूसा-169,
- नरेन्द्र-80
- पन्त धान-12,
- पन्त धान-10
धान के इस प्रकार के प्रजाति को पकने में 3 महीने 10 दिन से लेकर 4 महीने का समय लगता है I
मध्यम अवधि में पकने वाली धान की प्रजाति
पन्त धान-4,
सरजू-52,
नरेन्द्र-359,
पूसा-44,
नरेन्द्र धान-2064,
नरेन्द्र धान-3112
इस प्रजाति के धान को पकने में 3 महीने से लेकर 4 महीने का समय लगता है I
देर से पकने वाली धान की प्रजाति
- टा-3,
- पूसा बासमती-1,
- हरियाणा-बासमती-1,
- पूसा सुगन्ध-4 एवं 5,
- बल्लभ बासमती 22,
- मालवीय सुगंध 105,
- तारावडी बासमती,
- स्वर्णा, महसूरी
- साकेत-4‚
- झोना-349
- साकेत-4,
- बासमती-370,
- पूसा बासमती-1,
- वल्लभ बासमती 22,
- मालवीय सुगंध 105,
- नरेन्द्र सुगंध
इस प्रजाति के धान को पकने में 4 महीने से अधिक का समय लग जाता है
धान के पौधों को बोने से पहले खेत को तैयार करना
धान के पौधों को होने से पहले आपको खेत को अच्छी तरह से जुताई करना होगा क्योंकि इससे खेत में जो भी पुरानी फसल के अवशेष बाहर निकल आएंगे I इसके बाद खेत में आपको अधिक मात्रा में पानी का जमाव करना होगा और कुछ दिनों के लिए खेत को ऐसे ही छोड़ देंगे I
खेत की जुताई करेंगे और मेड़बंदी बनाएंगे जिससे पानी का जमाव अधिक दिनों तक आपके खेतों में में रुक सके I इस प्रकार आपका खेत धान के पौधों को बोने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा I
बीज की मात्रा कितनी होनी चाहिए धान की खेती के लिए
अपने खेतों में seeds डालने से पहले खेतों का शुद्धिकरण होना आवश्यक है तभी तो आपकी ही धान की पैदावार अच्छी होगी I अगर आप धान के बीज की सीधी बुवाई करते हैं तो आपको प्रति हेक्टर के अनुरूप 40 से 45 किलोग्राम बीज अपने खेतों में डालना होगा I इसके अलावा रोपाई के समय आपको 30 से 35 किलोग्राम बीज खेतों में डालना होगा I
किस प्रकार के बीज का इस्तेमाल करना चाहिए
धान की खेती करने के लिए आप हमेशा उन्नत किस्म के बीजों का इस्तेमाल करें इससे आप की पैदावार अच्छी और उन्नत किस्म की होगी I धान की खेती के लिए आप विशेष प्रकार के उन्नत बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनका विवरण में आपको नीचे बिंदु अनुसार दे रहा हूं-
- Arize 6444 गोल्ड हाइब्रिड धान
- हाइब्रिड धान की किस्म 8433DT.
- रासी का RRX 113 हाईब्रिड धान बीज –
- कावेरी 468 हाईब्रिड धान–
- पायोनियर की 27 P31 हाईब्रिड धान–
- एडवांटा गोल्डन सीड
धान के पौधों की बुवाई कब करना चाहिए
धान के पौधों की बुवाई मानसून सत्र शुरू होने से 2 हफ्ते पहले यानी मई और जून के मध्य में करनी चाहिए I पूरे भारत में धान की बुवाई किस समय की जाती है केवल भारत का छत्तीसगढ़ राज्य ऐसा है जहां पर बुवाई करने की पद्धति दूसरे राज्यों के मुकाबले अलग है I यहां पर धान के के पौधों की बुवाई सूखे खेतों में की जाती है।
धान की सिंचाई कैसे करें
धान के पौधों की रोपाई करने के तुरंत बाद धान की सिंचाई करनी आती आवश्यक होती है क्योंकि जैसा कि आप जानते हैं धान की फसल करने में पानी की अधिक आवश्यकता होती है जब तक धान के पौधे के दाने और फसल की वृद्धि ना हो जाए तब तक खेतों में पानी का जमाव रहना अति आवश्यक है I इसके लिए आप अपने खेतों में बांध बना सकते हैं ताकि पानी खेतों में रुक सके इसे धान की पैदावार अच्छी होती है और धान के पौधों की वृद्धि भी निरंतर होती रहती है I
धान खेती के लिए किस प्रकार के खाद और उर्वरक का इस्तेमाल किया जाता है
खान की अच्छी फसल होने के लिए आपको हरी और कंपोस्ट खाद अधिक मात्रा में प्रयोग करना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के कार्य जैविक होते हैं और जैविक खादों के द्वारा फसलों को नुकसान होने की संभावना भी बहुत कम होती है इसके अलावा आप तो नाइट्रोजन फास्फोरस और यूरिया जैसे उर्वरक भी इस्तेमाल कर सकते हैं I
जिससे आप के खेत में अगर किसी प्रकार की खरपतवार होगी तो उसका भी नियंत्रण इसके द्वारा हो जाएगा I सबसे अहम बात यूरिया का अधिक मात्रा में इस्तेमाल ना करें नहीं तो आप की फसल बर्बाद हो सकती है I इसके अलावा धान के पतियों पर किसी प्रकार की दाग धब्बे या धान के पौधों में बौनापन की समस्या नहीं हो तो इसके लिए आप जिंक सल्फेट का भी भी छिड़काव जरूर करें
खरपतवार नियंत्रित करने के लिए किस प्रकार के केमिकल का छिड़काव करें
धान के खेत में खरपतवार की समस्या को नियंत्रित करने के लिए आप निम्नलिखित प्रकार के केमिकल का छिड़काव अपने खेतों में कर सकते हैं.I इसके लिए आप
पेंडामैथलीन 30cc नाम का केमिकल आपको रोपाई के तीन-चार दिनों के अंदर 700 से 1000 लीटर पानी में मिलाकर आप अपने खेतों में छिड़काव कर देंगे इससे आपको खरपतवार की समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी I
इसके अलावा आप चाहे तो खुरपी के द्वारा भी आप अपने खेतों में जो भी खरपतवार है उसे दूर कर सकते हैं यह काफी पुराना कृषि पद्धति है जिसका इस्तेमाल आज भी अनेकों प्रकार के किसान अपने खेतों में करते हैं I
धान के पौधे में लगने वाले रोग और बचने के उपाय
रोग | बचने के उपाय |
झोंका/ब्लास्ट | कार्बेंडाजिम नाम का रासायनिक का छिड़काव करें |
खैरा रोग | जिंक सल्फेट बुझा हुआ चूना का खेतों में छिड़काव करेंगे |
पत्ती अंगमारी | बाविस्टीन या इणडोफिल एम 45 का छिड़काव करें |
जीवाणु झुलसा रोग | बायोपेस्टीसाइड,स्यूडोमोनास फ्लोरसेन्स 0.5 प्रतिशत डब्लू.पी |
भूरी चित्ती | थिरम या कार्बनडाईजिम |
धान की कटाई का सही समय क्या है
धान की कटाई सितंबर से अक्टूबर के महीने में की जाती है भारत के अधिकांश क्षेत्रों में धान की कटाई की शिक्षा में ही की जाती है और सही समय में अगर आप धान की कटाई नहीं करते हैं तो पैदावार भी खराब हो सकती है इसलिए आप हमेशा सही वक्त पर धान की की कटाई कर ले
धान की खेती खेती करने में कितना लागत और मुनाफा होगा
धान की खेती करने में लागत कितना आएगा या कुल मिलाकर इस बात पर निर्भर करता है कि आप धान की खेती किस पैमाने पर कर रहे हैं अगर आप बड़े पैमाने पर कर रहे हैं तो आपको धान की खेती करने में कुल मिलाकर ₹13900 का खर्च आएगा
इसमें सभी प्रकार के खर्च शामिल किए गए हैं इसके अलावा अगर आप छोटे किसान और 5 से 10 कट्ठा जमीन में धान की खेती कर रहे हैं तो उसमें आपको कुल मिलाकर 4000 से ₹5000 का निवेश करना करना पड़ेगा I 5 से 10 कट्ठा जमीन में साल में कुल मिलाकर 2 से 4 क्विंटल धान की उपज होगी अगर पैदावार अच्छी हुई I
इसके विपरीत एक बीघा जमीन में आसानी से 18 क्विंटल धान की उपज हो सकती है I आज की तारीख में सरकार द्वारा धान की प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य 1940 रुपए हैं I इसलिए हम कह सकते हैं कि आप धान की खेती कर अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं I
Conclusion: उम्मीद करता हूं कि आपको समझ में आ गया होगा dhan ki kheti कैसे करेंगे लाभ कितना कमा सकते हैं करने की प्रक्रिया क्या है अगर इसके बाद भी आपके मन में कोई सवाल है तो मेरे कमेंट बॉक्स में आकर पूछे मैं आपके सवालों का जवाब अवश्य दूंगा तब तक के लिए धन्यवाद और मिलते हैं अगले आर्टिकल में I
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